जबलपुर से विनय जी. डेविड
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मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में संस्कारधानी हॉस्पिटल, कंटगी रोड, करमेता कई सालों से विवादों में घिरा हुआ है और आज जो खबर आ रही है वह यह है कि संस्कारधानी हॉस्पिटल आज बिना लाइसेंस के जबलपुर में संचालित हो रहा है।
आखिर यह कौन सी अनुमति है जिसके आधार पर खुलेआम जबलपुर में संस्कारधानी हॉस्पिटल संचालित होकर के लोगों का इलाज कर रहा है। हम आपको बता देते हैं कि संस्कारधानी हॉस्पिटल का लाइसेंस मान्यता पंजीयन दिनांक 31/03/2023 तक की तिथी के लिए वैध व मान्य था।
और जो लाइसेंस प्राप्त किया गया था उसमें भी आरोप है कि संस्कारधानी अस्पताल हॉस्पिटल कंटगी रोड, करमेता व्दारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जबलपुर में कूटरचित दस्तावजों को प्रस्तुत कर अस्पताल का पंजीयन दिनांक 11/12/2020 को प्राप्त कर लिया था।
इस संस्कारधानी हॉस्पिटल, प्रा.लि. कटंगी रोड, करमेटा, जबलपुर के डॉ. विवेक गोलचा पुत्र स्व. श्री व्ही.सी. गोलचा, डॉ रोहित गोहिल, डॉ बसंत चतुर्वेदी
तीनों संचालक है। जिन्होंने हॉस्पिटल का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कई तरीके के फर्जीवाड़ा धोखाधड़ी की।
इस संस्कारधानी अस्पताल के पास नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पताल को संचालित करने के लिए नियम अनुसार व्यवस्था नहीं थी। इस अस्पताल के संचालक और पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रत्नेश कुरारिया की मिली भगत से नियमों की अनदेखी करके निजी हितों के चलते सेटिंग करके लाइसेंस जारी कर दिए गए थे। इसमें तत्कालीन CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया की गंभीर लापरवाही सामने आई है। ये खुलासा स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. कुरारिया ने हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन से लेकर सुविधाओं तक में धांधली की। उन्होंने बिना इंस्पेक्शन किए हॉस्पिटल को नर्सिंग होम एक्ट में रजिस्टर्ड कर दिया।
अब जब मामला खुला और न्यायालय और मीडिया के सामने आया तो इस संस्कारधानी अस्पताल द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुल गई ।
संस्कारधानी हॉस्पिटल की फर्जी वाले का मामला सामने आने के बाद शिकायतें होने के बाद इस अस्पताल की जांच की गई तो देखा गया कि इनके पास नर्सिंग होम संचालित के लिए आवश्यक सुविधा नहीं है
जिस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर डॉ संजय मिश्रा ने अनिवार्य वांछित दस्तावजों व सुविधाओं यथा (1) विकास अनुज्ञापत्र, (2) एमओएस, (3) पार्किंग स्थल, (4) और (5) ग्राम पंचायत से भवन अनुज्ञा नगर व ग्राम निवेश से रिपोर्ट की अनुपलब्धता (दिनांक 14.11.2014 के पूर्व जारी होने की स्थिति में) का अभाव होने के परिणामस्वरूप तथा (6) निर्धारित एफएआर व ग्राउन्ड कवरेज से अधिक निर्माण और (7) अप्रशमन योग्य स्थल पर अवैध निर्माण होने के फलस्वरूप सूचनापत्र में उल्लेखित नगर निगम व नर्सिंग होम कानूनों के उल्लंघन के दृष्टिगत पंजीकरण निरंतर रखने हेतु संस्कारधानी अस्पताल द्वारा प्रस्तुत आवेदनपत्र को स्वीकृत कर आगे नवीनीकरण किया जाना संभव नहीं है 22 दिसंबर 2023 को आदेश जारी करते हुए संस्कारधानी हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त कर दिया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि संस्कारधानी अस्पताल को इस कार्यालय द्वारा दिनांक 11.12.2020 को जारी किया गया पंजीयन म.प्र. रुजोपचार अधिनियम 1973 की धारा 4 (6) के परिपालन में 31 मार्च 2023 के पश्चात समाप्त हो गया था तथा अस्पताल द्वारा प्रस्तुत नवीनीकरण आवेदनपत्र अस्वीकृत किया गया था, अतः माननीय महाधिवक्ता कार्यालय एवं अपर आयुक्त नगर पलिक निगम जबलपुर से प्राप्त अभिमत के अनुसार एवं संचालक विनिमयन शाखा संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल के निर्देशानुसार, पंजीयन व नवीनीकरण के अभाव में धारा 3 के अनुरूप आगे अस्पताल संचालन की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है। यह अस्वीकृति आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।