भोपाल जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध मौत के मामले में तत्कालीन जेलर, टीआई, डॉक्टर और क्राइम ब्रांच के 5 कॉन्स्टेबल पर एफआईआर के आदेश हुए हैं।
टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया ने मोहसिन खान (24) को झूठे केस में फंसाया, डॉक्टर आर एन साहू ने मनोरोग बता गलत रिपोर्ट दी, जेलर आलोक बाजपेयी ने ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए मोहसिन खान को इलाज मुहैया नहीं कराया। उसे जेल में पिटवाया।
जेल में दाखिले के समय CCTV भी उपलब्ध नही कराए, जेल में बंद विचाराधीन बंदी मोहसिन की 23 जून 2015 को मौत हो गई थी। मोहसिन की मां ने कोर्ट में प्राइवेट कम्प्लेंट फाइल की गई थी। न्यायाधीश वीरेंद्र यादव ने इस मामले की जांच की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्यूडिशियल कस्टडी में मारपीट से हुई मौत समाज में गहरा धब्बा होता है।
जानिए किसकी क्या है भूमिका
- 3 आरक्षकों ने किया गिरफ्तार : क्राइम बांच में बतौर आरक्षक पदस्थ रहे मुरली, चिरोंजीलाल और दिनेश खजूरिया लूट के एक मामले में मोहसिन खान को उसके घर से गिरफ्तार करके लाए थे। तीनों आरक्षकों ने क्राइम ब्रांच थाने में मोहसिन खान से लूट के मामले में पूछताछ की थी।
- लूट में बनाया आरोपी : टीटी नगर थाने में बतौर टीआई पदस्थ रहने के दौरान मनीषराज सिंह भदौरिया ने लूट के एक मामले में मोहसिन को फर्जी तरीके से आरोपी बनाया। साथ ही घायल हालत में थाने में पहुंचे मोहसिन के साथ मारपीट की।
- मनोरोगी बताकर ग्वालियर रेफर: हमीदिया अस्पताल के मनोरोग विभाग में पदस्थ रहे एक डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय जेल भोपाल में बंद कैदी मोहसिन खान को मनोरोगी घोषित किया। जबकि वह स्वस्थ था। इसके अलावा मनोरोगी बताकर ट्रीटमेंट के लिए घायल हालत में ग्वालियर स्थित जयारोग्य हॉस्पिटल रेफर किया।
- ज्यूडिशियल कस्टडी में मारपीट: केंद्रीय जेल भोपाल के तत्कालीन जेलर आलोक वाजपेयी पर आरोप है कि लूट के मामले में कोर्ट द्वारा ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए मोहसिन खान को इलाज मुहैया नहीं कराया। उसे जेल में पिटवाया। जेल में दाखिले के वक्त के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को मुहैया नहीं कराए।