लखनऊ। (State Information Commission) राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई के आदेशों को वेबसाइट पर अपलोड न करने वाले कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि आदेश अपलोड नहीं किए जाते हैं तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस लापरवाही के कारण लोगों को आदेश की प्रति लेने के लिए आयोग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
मार्च से नवंबर तक 8 हजार से ज्यादा हुई शिकायतें
राज्य सूचना आयोग की 11 अदालतों में पिछले वर्ष मार्च से लेकर नवंबर के दौरान 8,158 मामलों का निस्तारण किया गया है, लेकिन इस संबंध में राज्य सूचना आयुक्तों व मुख्य सूचना आयुुक्त की तरफ से जारी आदेशों को वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जा रही है।
17 जनवरी तक आयोग ने दिए थे निर्देश
इसकी जानकारी मिलने के बाद आयोग की संयुक्त रजिस्ट्रार ने मामले की जांच कर बीते दिनों सचिव अभय सिंह को रिपोर्ट दी थी। सचिव ने संबंधित कर्मचारियों को 17 जनवरी तक आयोग द्वारा जारी किए गए आदेशों को वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे।
दो हजार से ज्यादा आदेशों को अपलोड नहीं किया गया
उन्होंने यह निर्देश भी दिए थे कि कर्मचारी आदेशों को अपलोड करके प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि उनकी अदालतों में हुए सभी आदेश अपलोड किए जा चुके हैं। इसके बाद भी दो हजार से ज्यादा आदेशों को अपलोड नहीं किया गया।
आयोग ने कर्मचारियों के वेतन रोकने के दिए निर्देश
नतीजतन आयोग के सचिव ने संबंधित कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए हैं और उन्हें चेतावनी दी है कि आदेशों को अपलोड करके प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रोजाना 100 से ज्यादा शिकायतें की जाती हैं
आयोग में प्रदेश के तमाम जिलों से रोजाना आरटीआई (RTI) से संबंधित 100 से ज्यादा शिकायतें व अपीलें लोगों द्वारा की जाती हैं। वर्तमान में विशेष परिस्थिति को छोड़कर आयोग में अपीलों व शिकायतों को ऑनलाइन ही स्वीकार किया जा रहा है। इसके बाद भी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते आदेशों की प्रति लेने के लिए लोगों को आयोग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।