कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी सरकार, इस राज्य के युवाओं को मिलेगी 50 फीसदी की सब्सिडी

तकनीकी

किसान समूहों को 40 फीसदी सब्सिडी पर ड्रोन दिए जाएंगे. साथ ही कहा कि कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं को ड्रोन खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. इससे राज्य में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.

आंध्र प्रदेश में कृषि को आगे बढ़ाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए आधुनिक कृषि की नवीनतम खोज ड्रोन के इस्तेमालो को राज्य में बढ़ावा दिया जाएगा. राज्य में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता दिवस के दिन युवाओं के लिए बड़ी घोषणा की गई है. इसके तहत राज्य में युवाओं को सब्सिडी पर ड्रोन दिए जाएंगे. प्रदेश के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री एस. अपला राजू ने कहा कि राज्य में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक को पूरी तरह से अपनाया जाएगा.

75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मंत्री अप्पाला राजू ने कहा कि किसान समूहों और कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं को सब्सिडी के आधार पर ड्रोन दिए जाएंगे. द हिंदू के मुताबिक उन्होंने कहा कि किसान, किसान समूहों को 40 फीसदी सब्सिडी पर ड्रोन दिए जाएंगे. साथ ही कहा कि कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं को ड्रोन खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. इससे राज्य में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.

ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही सरकार

केंद्र सरकार भी देश में किसानों के बीच ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है, साथ ही योजनाएं भी ला रही हैं, ताकि किसानों की आय को दोगुना किया जा सके. इसके अलावा ड्रोन के इस्तेमाल से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. ड्रोन के इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए शिक्षित युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वो आसानी से इसका संचालन सके. यहां बता दे की आंध्र प्रदेश देश का ऐसा राज्य हैं जहां पर कृषि के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए सबसे अधिक कार्य किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश देश में कृषि के लिए आधारभूत संरचना विकिसत करने के लिए सबसे अधिक पैसे खर्च करने वाला राज्य है.

कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल के फायदे

कृषि में ड्रोन का इस्तेमाल से इस क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी. क्योंकि इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिए समय की बचत होगी, साथ ही साथ कीटनाशक, दवा और उर्वरक की भी बचत होगी. क्योंकि ड्रोन के इस्तेमाल से एक एकड़ खेत में खाद या कीटनाशका का छिड़काव करने में पांच से 10 मिनट का समय लगता है. इसके साथ ही सभी जगहों पर कीटनाशक और खाद का छिड़काव एक समान्य मात्रा में होता है. इसके जरिए किसान प्रभावित जगह पर अच्छे से निर्धारित मात्रा में छिड़काव कर सकते हैं और उन्हें खेत के अंदर जाने की जरुरत नहीं होती है. इसलिए वो कीटनाशकों के संपर्क में आने से भी बचे रहते हैं.

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